Feelings

*जिस्म से होने वाली मुहब्बत का इज़हार आसान होता है… रुह से हुई मुहब्बत को समझाने में ज़िन्दगी गुज़र जाती है…..

*सुना था मोहब्बत मिलती है मोहब्बत के बदले,हमारी बारी आई तो, रिवाज ही बदल गया

*उस मोड़ से शुरू करनी है फिर से जिंदगी, जहाँ सारा शहर अपना था और तुम अजनबी…

*ज़्यादा कुछ नहीं बदला ” उसके और मेरे ” बीच में पहले नफरत नहीं थी और अब ” प्यार ” नहीं है।

*इन्सान ज़िन्दगी में सिर्फ एक बार ही मोहब्बत करता है …. बाकी की मोहबत्तें वो पहली मोहब्बत भुलाने के लिए करता है।

*कभी कभी कितनी बातें होती हैं कहने को … जब कोई सुनने वाला नहीं होता है ।

*ना जाने कैसी नज़र लगी है ज़माने की, वजह ही नही मिल रही मुस्कुराने की….!

*दर्द सहने की अब कुछ यूँ आदत सी हो गयी है कि अब दर्द न मिले तो दर्द सा होता है।

*वो ना ही मिलते तो अच्छा था… बेकार में मोहब्बत से नफ़रत हो गई…

*खामोश बैठें तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं,ज़रा सा हँस लें तो मुस्कुराने की वजह पूछ लेते हैं

*कितना कुछ जानता होगा वो शख्स मेरे बारे में, मेरे मुस्कुराने पर भी जिसने पूछ लिया की तुम उदास क्यों हो..

*याद आयेगी हमारी तो बीते कल की किताब पलट लेना यूँ ही किसी पन्ने पर मुस्कुराते हुए हम मिल जायेंगे।

*आँसू आ जाते हैं आँखों में पर लबों पर हंसी लानी पड़ती है ये मोहब्बत भी क्या चीज़ है यारो जिस से करते हैं उसी से छुपानी पड़ती है।

*नाकाम मोहबत्त भी बड़े काम की होती है ,दिल मिले ना मिले इलज़ाम जरुर मिल जाता है।।

*तू मांग तो सही अपनी दुआओ मे बददुआ मेरे लिए मै हंसकर खुदा से आमीन कह दूंगा … !

*सिर्फ तूने ही कभी मुझको अपना न समझा ,जमाना तो आज भी मुझे तेरा दीवाना कहता है

*युं तो गलत नही होते अंदाज चहेरों के..लेकिन लोग, वैसे भी नहीं होते जैसे नजर आते है..

*घड़ी डिटर्जेंट से भी जयादा ख़राब हो गयी है, ज़िन्दगी..लोग इस्तेमाल तो करते हैं, पर विश्वास नहीं करते….

*गलत फ़हमियों से भी ख़त्म हो जाते है रिश्ते… हमेशा कसूर गलतियों का नहीं होता !!!

*अच्छे होते हैं बुरे लोग…जो अच्छा होने का नाटक तो नहीं करते॥

*गलतफहिमयों के सिलसिले आज इतने दिलचस्प हैं..कि हर ईंट सोचती है दीवार मुझ पर टिकी है।

*पसंद है मुझे उन लोगों से हारना…..!! जो मेरे हारने की वजह से पहली बार जीते हों…..!!!

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